UAE: यूएई के अल धन्नाह शहर में गुरुवार तड़के हुए एक दर्दनाक कार हादसे ने एक भारतीय परिवार को तबाह कर दिया। इस हादसे में अबू धाबी से लौट रहे भारतीय दंपति सैयद वहीद और उनकी पत्नी सना बेगम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके तीनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें सबसे छोटा, महज चार महीने का सैयद उमर, फिलहाल वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
डॉक्टरों की गंभीर रिपोर्ट
बच्चे के चाचा, सैयद मतीन ने बताया कि उमर की हालत बेहद नाज़ुक है। “वह सिर्फ वेंटिलेटर की मदद से सांस ले पा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर उसे मशीन से हटाया गया, तो उसका दिल धड़कना बंद हो जाएगा और वह खुद सांस नहीं ले पाएगा। उसका दिमाग लगभग पूरी तरह से काम करना बंद कर चुका है।”
बाकी दो बच्चों की हालत
दंपति की बड़ी बेटी, आठ वर्षीय सिदरा मोहम्मद और डेढ़ साल की सादिया मिरहा भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हुईं। दोनों का सर्जरी के बाद इलाज चल रहा है और अब वे धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही हैं। उम्मीद है कि अगले हफ्ते की शुरुआत में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
परिवार के सपने और भविष्य की योजना
चाचा मतीन के मुताबिक, उनके जीजा वहीद हमेशा चाहते थे कि उनकी बेटियां डॉक्टर बनें, खासकर बाल रोग विशेषज्ञ। “ईश्वर की इच्छा हुई तो हम उनका सपना पूरा करेंगे। अभी हम सोच रहे हैं कि उनकी पढ़ाई यूएई में जारी रखी जाए या उन्हें हैदराबाद वापस भेजा जाए।”
बच्चों को सच बताना मुश्किल
सबसे बड़ी चुनौती है बच्चियों को उनके माता-पिता के बारे में सच बताना। मतीन बताते हैं, “हमने उन्हें फिलहाल यही कहा है कि मम्मी-पापा व्यस्त हैं। बड़ी बेटी बार-बार मुझसे कहती है कि अंकल, मम्मी-पापा को फोन कर दीजिए। मैं बस इतना कहता हूं कि जब तुम ठीक हो जाओगी, तब बात करवाऊंगा। मुझे समझ नहीं आता कि उन्हें कैसे बताऊं।”
हादसे के बाद से लगातार संघर्ष
25 वर्षीय मतीन इस पूरे समय अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। हादसे के कुछ दिन बाद वे अपनी बहन और बहनोई के शवों के साथ हैदराबाद गए और अंतिम संस्कार करवाया। वापसी पर वे अपनी मां और छोटी बहन को भी यूएई ले आए, ताकि बच्चे परिवार के साथ रहें।
कंपनी का सहयोग
मतीन ने बताया कि इस कठिन समय में वहीद की कंपनी ने हर संभव मदद की है। “औपचारिकताएं पूरी करने से लेकर अस्पताल के खर्च और जरूरी प्रक्रियाओं में उन्होंने हमारा साथ दिया। इस समय हमारी पूरी ऊर्जा बच्चियों की देखभाल में लगी हुई है। छोटी तो अभी दो साल की भी नहीं है, हम बस चाहते हैं कि वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”
एक परिवार का दर्दनाक मोड़
अल धन्नाह का यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक परिवार के जीवन में गहरी चोट है। माता-पिता की मौत और बच्चों की गंभीर चोटों ने रिश्तेदारों पर भारी भावनात्मक और मानसिक बोझ डाल दिया है। इस कठिन घड़ी में, पूरा परिवार उमर और उसकी बहनों के स्वास्थ्य के लिए दुआ कर रहा है।
