UAE: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में निजी कंपनियों को स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए एमिरैटाइजेशन नीति को सख्ती से लागू किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही कुछ कंपनियां शॉर्टकट लेने की कोशिश में फर्जी अमीरातीकरण (fake Emiratisation) के चक्कर में फंस रही हैं। मानव संसाधन और अमीरातीकरण मंत्रालय (MoHRE) ने खुलासा किया है कि 2025 की पहली छमाही में 405 ऐसे मामले सामने आए, जहां कंपनियों ने कागजों पर तो यूएई नागरिकों को नौकरी दिखाई, लेकिन असल में उन्हें काम पर नहीं रखा। आइए, इस मामले को आसान और देसी अंदाज में समझते हैं!
Fake Emiratisation आखिर है क्या?
MoHRE के मुताबिक, फर्जी अमीरातीकरण तब होता है जब कोई कंपनी यूएई नागरिक का वर्क परमिट तो बनवा लेती है, लेकिन उसे वो काम या जिम्मेदारी नहीं देती, जिसके लिए परमिट लिया गया। आसान शब्दों में – कंपनी और कर्मचारी के बीच सिर्फ कागजी “नौकरी” होती है। न कर्मचारी को काम मिलता है, न सही सैलरी, और न ही कोई सुविधाएं।
UAE सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसी चालाकी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनकी “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत दोषी कंपनियों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
कैसे पकड़ में आ रहे हैं ये फर्जीवाड़े?
मंत्रालय की रीजनल इंस्पेक्शन यूनिट और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम की पैनी नजर हर कंपनी पर है। ये सिस्टम आसानी से पकड़ लेते हैं कि कोई कंपनी सिर्फ टारगेट पूरा दिखाने के लिए फर्जी हायरिंग तो नहीं कर रही। पिछले साल भी एक कंपनी ने 113 यूएई नागरिकों को कागजों पर नौकरी दी थी, लेकिन असल में कोई काम नहीं था। नतीजा? उस पर 10 मिलियन दिरहम (लगभग ₹60 करोड़) का भारी जुर्माना ठोका गया!
एमिरैटाइजेशन का लक्ष्य और नफीस कार्यक्रम
UAE सरकार चाहती है कि 2026 तक निजी कंपनियों में 10% कर्मचारी यूएई नागरिक हों। इसके लिए हर साल 2% की बढ़ोतरी जरूरी है – 1% पहली छमाही में और 1% दूसरी छमाही में। 2025 की पहली छमाही का टारगेट पूरा हो चुका है, और मंत्रालय के मुताबिक, 30 जून तक 29,000 से ज्यादा कंपनियों ने 1,52,000 यूएई नागरिकों को नौकरी दी है। ये आंकड़ा दिखाता है कि नफीस कार्यक्रम स्थानीय लोगों को देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ने में कितना अहम है।
नियम मानने वाली कंपनियों को क्या मिलता है?
जो कंपनियां नियमों का पालन करती हैं, उन्हें सरकार की तरफ से कई फायदे मिलते हैं:
- मंत्रालय की फीस में 80% तक की छूट।
- सरकारी खरीद प्रणाली में प्राथमिकता।
- नफीस कार्यक्रम के तहत यूएई नागरिकों की सैलरी में वित्तीय मदद।
ऐसी कंपनियों को “एमिरैटाइजेशन पार्टनर्स क्लब” में शामिल किया जाता है, जो उनके लिए सम्मान की बात है।
फर्जीवाड़े की शिकायत कैसे करें?
अगर आपको कहीं फर्जी अमीरातीकरण का शक हो, तो MoHRE ने इसके लिए कई रास्ते दिए हैं:
- कॉल सेंटर: 600590000
- श्रम दावा और सलाह कॉल सेंटर: 80084
- MoHRE का स्मार्ट ऐप या आधिकारिक वेबसाइट
मंत्रालय का कहना है कि नियमों का पालन निजी कंपनियों की जिम्मेदारी है। जो भी इन नियमों को तोड़ेगा, उस पर तुरंत सख्त कार्रवाई होगी।
ये खबर क्यों जरूरी है?
ये मामला हर उस कंपनी और कर्मचारी के लिए सबक है, जो नियमों को हल्के में लेते हैं। UAE में एमिरैटाइजेशन सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का मिशन है। अगर तुम UAE में बिजनेस करते हो या नौकरी ढूंढ रहे हो, तो इन नियमों को समझना और उनका पालन करना जरूरी है।
