DUBAI

Dubai: कार ने मारी टक्कर, महिला हुई लकवाग्रस्त; कोर्ट से मिला 10 लाख दिरहम का मुआवज़ा

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Written by Anjali Kumari

August 22, 2025

Dubai: दुबई में एक भारतीय महिला को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आने के बाद अदालत ने 10 लाख दिरहम (करीब 2.3 करोड़ रुपये) का मुआवज़ा दिलवाया है। यह मामला न केवल ट्रैफिक सुरक्षा की अहमियत को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि यूएई की अदालतें पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में कितनी सख्त हैं।

हादसा कैसे हुआ?

यह घटना अप्रैल 2023 की है, जब रहमतबी ममद साली नाम की भारतीय महिला दुबई के अल वाहिदा इलाके में बांग्लादेश वाणिज्य दूतावास के पास सड़क पार कर रही थीं। दुर्भाग्य से, वह उस जगह से सड़क पार कर रही थीं जहां पैदल यात्रियों के लिए क्रॉसिंग की अनुमति नहीं थी।

इसी दौरान एक यूएई नागरिक निसान पेट्रोल चला रहा था और उसने महिला को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि महिला सड़क पर गिर गईं और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा।

पुलिस और अदालत की जाँच

पुलिस और अदालती जाँच में सामने आया कि दुर्घटना का मुख्य कारण चालक की लापरवाही और सड़क पर ध्यान न देना था। हालांकि, अदालत ने यह भी माना कि महिला आंशिक रूप से दोषी थीं क्योंकि उन्होंने वाहनों पर ध्यान दिए बिना सड़क पार की थी।

चालक पर 3,000 दिरहम का जुर्माना लगाया गया, जबकि रहमतबी को भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए 1,000 दिरहम का जुर्माना भरना पड़ा।

गंभीर चोटें और इलाज

दुर्घटना के बाद रहमतबी को दुबई के राशिद अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें कई गंभीर चोटें आईं, जिनमें ब्रेन हेमरेज, रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर और दाहिने हाथ और पैर में आंशिक लकवा शामिल है। इन चोटों की वजह से उनका सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया।

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कानूनी लड़ाई और मुआवज़ा

महिला के परिवार ने याब लीगल सर्विसेज़ के सीईओ सलाम पप्पिनिसरी से संपर्क किया और कानूनी मदद मांगी। उनकी टीम ने अदालत में मुआवज़े का दावा दायर किया। इसके लिए मेडिकल रिपोर्ट, पुलिस की जाँच रिपोर्ट और आपराधिक मामले का फैसला जैसे ज़रूरी दस्तावेज़ पेश किए गए।

बीमा कंपनी और गाड़ी के चालक को मुकदमे में प्रतिवादी बनाया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद माना कि रहमतबी को आई चोटें बहुत गंभीर हैं और उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई है। इसी आधार पर अदालत ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह पीड़िता को 10 लाख दिरहम का मुआवज़ा दे।

अपील खारिज, फैसला बरकरार

इस फैसले के खिलाफ बीमा कंपनी और चालक ने अपील अदालत और फिर सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की। लेकिन दोनों ही जगह उनकी अपील खारिज कर दी गई। इस तरह रहमतबी के पक्ष में दिया गया निचली अदालत का फैसला बरकरार रहा।

यह मामला उन सभी प्रवासियों और स्थानीय लोगों के लिए सबक है जो रोज़ सड़क पर चलते हैं। एक तरफ यह दिखाता है कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है, वहीं दूसरी तरफ यह भी बताता है कि अदालतें पीड़ितों को न्याय दिलाने में पूरी तरह सक्रिय रहती हैं।

अब सवाल यह है कि रहमतबी जैसी स्थिति से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं? सीधी सी बात है—ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सड़क पार करने के लिए केवल ज़ेब्रा क्रॉसिंग और सिग्नल का इस्तेमाल करें, और ड्राइवरों को गाड़ी चलाते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

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