UAE: संयुक्त अरब अमीरात के सेंट्रल बैंक (CBUAE) ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से जुड़े कानूनों का पालन न करने पर मलिक एक्सचेंज पर कड़ा रुख अपनाया है.
बैंक ने बुधवार को न सिर्फ एक्सचेंज हाउस पर 2 मिलियन दिरहम का जुर्माना लगाया, बल्कि उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया. यह निर्णय विस्तृत जांच के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि कंपनी नियामक नियमों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रही थी।
जांच में सामने आया गंभीर गैर-अनुपालन
CBUAE ने स्पष्ट किया कि एक्सचेंज हाउस ने अॅंटी मनी-लॉन्ड्रिंग (AML) और टेरर फाइनेंसिंग रोकथाम नियमों का पालन नहीं किया.
जांच के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए जिनसे यह aसाबित हुआ कि संगठन ने न केवल आवश्यक प्रक्रियाओं की अनदेखी की, बल्कि कानूनों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया.
इसी के आधार पर मलिक एक्सचेंज का नाम रजिस्टर से हटा दिया गया, जोकि किसी भी वित्तीय संस्था के लिए सबसे बड़ा प्रतिबंध माना जाता है.
सभी एक्सचेंज हाउस को चेतावनी
सेंट्रल बैंक ने एक बयान में सभी एक्सचेंज हाउसों, उनके मालिकों और कर्मचारियों को याद दिलाया कि
“कानूनों का पालन करना आपकी जिम्मेदारी है – और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई तय है”.
बैंक ने यह भी कहा कि वे ऐसे सभी संगठनों की नियमित निगरानी और निरीक्षण जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि
संयुक्त अरब अमीरात के वित्तीय सेक्टर में पारदर्शिता और भरोसा बना रहे.
पहले भी सख्त एक्शन ले चुका है सेंट्रल बैंक
यह पहली बार नहीं है जब CBUAE ने इस तरह की कार्रवाई की हो.
- 18 अगस्त को, नियंत्रक संस्था ने YAS Takaful PJSC का लाइसेंस सस्पेंड किया क्योंकि कंपनी ने बीमा नियमों का पालन नहीं किया था.
- 11 जुलाई को Al Khazna Insurance Company के लाइसेंस को भी इसी तरह निलंबित किया गया क्योंकि वह नियामक आवश्यकताएं पूरी नहीं कर रही थी.
- मार्च 2025 में, CBUAE ने टैक्स अनुपालन संबंधी नियमों के उल्लंघन के लिए दो बीमा कंपनियों और पांच बैंकों पर कुल 2.62 मिलियन दिरहम का जुर्माना लगाया था.
क्यों ज़रूरी है यह सख्ती?
यूएई लगातार ये सुनिश्चित कर रहा है कि पूरे वित्तीय सिस्टम में
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग जैसी गतिविधियों के लिए कोई जगह न हो.
इसी वजह से बैंकिंग, एक्सचेंज और बीमा क्षेत्र पर कड़े नियंत्रण और सख्त निगरानी रखी जा रही है.
अधिकारियों का कहना है कि
स्थानीय कानूनों के साथ-साथ इंटरनेशनल AML/FATF मानकों का पूरी तरह पालन ज़रूरी है और जो संस्थाएं इसका पालन नहीं करेंगी, उनके खिलाफ तुरंत और दृढ़ कार्रवाई की जाएगी.
