UAE: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान के पेशावर में पुलिस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी मारे गए और कुछ गंभीर रूप से घायल हुए। यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वह “किसी भी प्रकार की हिंसा और आतंकवाद” का समर्थन नहीं करता और इस तरह की घटनाएं क्षेत्रीय स्थिरता पर सीधा हमला हैं।
विदेश मंत्रालय का बयान
यूएई ने कहा है कि पेशावर के पुलिस स्टेशन पर हुआ यह हमला एक ‘कायरतापूर्ण’ कृत्य है जो न केवल कानून व्यवस्था को प्रभावित करता है बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा है। बयान में पीड़ितों के परिवारों और पाकिस्तान के लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई, साथ ही घायलों के लिए शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की गई।
क्या हुआ था पेशावर में?
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को खैबर पख्तूनख्वा के कई हिस्सों में आतंकवादियों ने एक साथ हमले किए। इन हमलों में कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। इन्हीं हमलों के तहत हसन खेल पुलिस स्टेशन, जो पेशावर से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, को भी निशाना बनाया गया।
हमले को कैसे अंजाम दिया गया
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने देर रात पुलिस स्टेशन और उसकी दो चौकियों पर हमला किया। सुरक्षा बलों ने बहादुरी से मुकाबला करते हुए हमले को नाकाम करने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई।
हालांकि पुलिस हमले को पूरी तरह विफल करने में सफल रही, लेकिन इस दौरान एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि हमलावरों को पकड़कर आगे की कार्रवाई की जा सके। खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र पहले भी कई बार आतंकवादी गतिविधियों का निशाना बन चुका है, लेकिन हाल के महीनों में ऐसी घटनाओं में फिर तेजी देखी गई है।
आगे की कार्रवाई
पाकिस्तान सरकार ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि देश की सुरक्षा एजेंसियां ऐसे हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं।
UAE का यह बयान इस बात का संकेत है कि वह क्षेत्रीय शांति और आतंकवाद-विरोधी प्रयासों में पाकिस्तान के साथ खड़ा है।
इस घटना के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को अपनी सीमावर्ती सुरक्षा और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और अधिक मज़बूत करने की जरूरत है ताकि ऐसी हमलों को पहले से रोका जा सके।
