UAE: अगर आप भारत में प्लंबर या इलेक्ट्रिशियन का काम कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि क्या यूएई जाना फायदेमंद होगा, तो जवाब है – हाँ, बहुत ज़्यादा। वहाँ MEP (Mechanical, Electrical, Plumbing) सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। नए बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स, होटल, मेट्रो स्टेशन, और अपार्टमेंट्स बनने के कारण स्किल्ड वर्कर्स की ज़रूरत लगातार बनी हुई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक UAE का MEP सर्विस सेक्टर हर साल करीब 15% की दर से बढ़ रहा है। यानी ये सिर्फ मौसमी मांग नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाला काम है।
सैलरी में कितना फर्क है?
अब बात करते हैं पैसों की। यूएई में एक इलेक्ट्रिशियन की औसतन सैलरी 10,000–16,000 दिरहम तक होती है। वहीं, एक अनुभवी प्लंबर को भी 9,000 से लेकर 18,000 दिरहम तक आराम से मिल जाते हैं। भारतीय करेंसी में देखें तो ये सैलरी ₹2.5 लाख से ऊपर बैठती है। इसके अलावा, रहने और ट्रांसपोर्ट की सुविधा अक्सर कंपनी देती है।
भारत में अगर आप यही काम करते हैं तो आम तौर पर ₹20,000 से ₹40,000 के बीच सैलरी मिलती है। यानी यूएई में सैलरी तीन से चार गुना ज़्यादा हो सकती है।
कौन ज़्यादा फायदेमंद है – भारत या यूएई?
अगर आप सेविंग करना चाहते हैं, परिवार को बेहतर सपोर्ट देना चाहते हैं, और इंटरनेशनल एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं – तो यूएई बेस्ट ऑप्शन है। भारत में काम जरूर मिल जाता है, लेकिन पैसे और ग्रोथ के मामले में वहाँ के ऑप्शन सीमित हैं।
यूएई में न सिर्फ सैलरी अच्छी है, बल्कि ओवरटाइम, लीव, मेडिकल और रहने की सुविधाएं भी ज़्यादा बेहतर होती हैं। बस ध्यान ये रखना है कि आप सही एजेंट और कंपनी से जुड़े हों। वर्क वीजा और डॉक्युमेंट्स पूरे हों, और कॉन्ट्रैक्ट अच्छे से समझकर साइन करें।
आज की तारीख में अगर कोई ट्रेड स्किल आपके पास है – जैसे इलेक्ट्रिकल या प्लंबिंग – तो यूएई आपके लिए शानदार मौक़ा बन सकता है। सैलरी बढ़िया है, डिमांड लगातार बनी हुई है, और आप कुछ सालों में अच्छी सेविंग कर सकते हैं।
